"20 Years of entertainment PR"
एक लड़का भोला भाला सा
बात मार्च अप्रैल 2006 की है मेरे मित्र अब निर्माता दीपक सिंह का फोन आया हरीश जी एक प्लाई कंपनी डोनियर को उदिता गोस्वामी चाहिए बतौर ब्रांड एम्बेसडर, आप उन्हें जानते है यह काम करवाइये ।
उदिता की पहली फ़िल्म पाप जहर,अक्सर मैं कर चुका था। 2006 के बाद भी उनके साथ कुछ फिल्मों का पी आर किया था उदिता बहुत सरल है एकदम जैसे परिवार का हिस्सा हो मिजाज ऐसा कि कभी भी फोन कर लीजिए। जहर फ़िल्म से उनकी मोहब्बत फ़िल्म के निर्देशक मोहित सूरी से परवाना चढ़ी आज वो पति पत्नी है और मोहित बेहद सफल फ़िल्म निर्देशक। उदिता को मैं आज भी फोन कर सकता हूँ और नाम बताने पर वो पूछेंगी नही कौन हरीश। वो ऐसी ही है उनकी चर्चा करेंगे इस किताब में किसी पेज पर।
उदिता को फोन किया वो तैयार हो गई ।दिल्ली में प्रोडक्ट के लिए फ़ोटो और वीडियो शूट होना तय हुआ और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी । पी आर की जिम्मेदारी हमारी थी।
वीडियो- फ़ोटो शूट शायद साउथ दिल्ली के किसी स्टूडियो में हुआ था नाम मुझे याद नही। कुछ मीडिया को बुलाया था।
फ़ोटो शूट के बीच जब समय मिला तो स्टूडियो के बाहर आकर मैं और दीपक बात कर रहे थे तभी एक लंबा खूबसूरत लड़का हमारे पास आया जो उदिता के फोटो शूट के दौरान अपने कैमरे से फ़ोटो खींच रहा था। हमने बहुत गौर नही किया था हमें लगा वो फोटोग्राफर का सहयोगी होगा।
हमारी काफी देर बात हुई उसने बताया मैं फोटोग्राफर भय्या को जानता हूँ शोकीयतौर पर फ़ोटो खींचता रहा हूँ मेरी एक वेबसाइट भी है फ़ोटो की जो फ्यूचर में बहुत काम की होगी। आप लोगो की जानकारी के लिये बता रहा हूँ वो वेबसाइट आज इमेज बाजार नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
मैंने उसे कहा दोस्त तुम्हारी लंबाई और खूबसूरती देखकर कह सकता हूँ तुम्हे टीवी धारावाहिकों में मौका अवश्य मिल सकता है । उसने शायद कहा बहुत समय हो गया सही से याद नही कि बाला जी में मैंने फ़ोटो छोड़े थे कुछ हुआ नही मुझे अजीब लगता है अपने फोटो नम्बर लिखकर बांटते फिरो।
हो सकता है ईश्वर ने मेरे लिए कुछ और ही प्लानिंग की हो उस स्मार्ट लड़के ने कहा। फिर हमारी मुलाकात कभी नही हुई ।
मैं उस छोटी सी बात को भूल चुका था । कई सालों बाद यूट्यूब के कुछ वीडियो देख रहा था उसी दौरान एक वीडियो देखा एक स्मार्ट लड़का बड़े से स्टेज पर हज़ारो की संख्या में बैठे लोगों को ज्ञान दे रहा था यानि मोटिवेशनल स्पीकर था उसकी बातें मुझे अच्छी लग रही थी यह बात करीब 2017- 18 की होगी
उस दिन उस लड़के से सीखा यदि ध्यान यानि मेडिटेशन करना है तो कान में इअर प्लग लगा कर कीजिये तो ध्यान अच्छे से लगता है वास्तव में इअर प्लग लगाकर थोड़े अभ्यास के बाद आप अपने दिल की धड़कन को बहुत स्पष्ट सुन सकते है आज यह मेरा सबसे अच्छा ध्यान है इस ध्यान मुद्रा को मैं प्रतिदिन सुबह 3.30 से 4.30 तक करता हूँ इसका श्रेय मैं उस लड़के को देता हूँ। यह ध्यान की वो प्रक्रिया है जिसमें मैं ब्रह्माण्ड में गोते लगाता हूँ ।
मुझे पता नही क्यों लग रहा था कि इस लड़के को कही देखा है कही मिला हूँ उसके वीडियो देखते देखते दिमाग की घण्टी बजी अरे यह तो वही लड़का है जो उदिता गोस्वामी के फोटो शूट पर फ़ोटो खींच रहा था। मैंने दीपक को फोन किया कि उन्हें भी वो लड़का याद है क्या, वो बोले हरीश जी क्या बात कर रहे हो 11-12 साल पहले की बात कैसे याद होगी फिर ऐसी कोई विशेषता भी नही थी जो याद रह जाये आप बता रहे हो तो आपकी यादाश्त को सलाम लेकिन मुझे बिल्कुल याद नही।
मैंने अपने आपको सही साबित करने के लिए गूगल देवता की मदद ली यह तो पक्का हो गया वो फोटोग्राफी से जुड़े रहे है।
आप लोगो को जिज्ञासा हो रही होगी कौन है वो लड़का। वो लड़का आज हिंदुस्तान का सबसे बड़ा मोटिवेशनल स्पीकर्स में सबसे ऊपरी पायदान पर है। यूट्यूब पर शायद ही कोई वीडियो ऐसा होगा जिसके दर्शक कई लाखो से कम हो। उसके भाषण बहुत प्रेरणादायक होते है हॉल में बैठे उनके हजारो चाहने वाले दीवानों की तरह उन्हें चाहते है। उनकी बातें लोगो के दिल में गहरे तक उतरती है मुझे भी उनके कई वीडियो अच्छे लगते है।
उनके वीडियो को देखते हुए मैं सोचता हूँ व्यक्ति की मेहनत और किस्मत उसे कहाँ से कहाँ पहुँचा सकती है। मुझे 2006 में मिले आज के सबसे बड़े मोटिवेशनल स्पीकर में से एक संदीप माहेश्वरी को देखकर अच्छा लगता है उनकी सफलता मुझे दिल के बहुत करीब लगती है । अब वो संदीप माहेश्वरी थे जिनसे मैं 2006 में मिला था यह तो वही तस्दीक कर सकते है । बहुत संभव है उन्हें भी दीपक की तरह हमारी मुलाकात याद न हो लेकिन उदिता गोस्वामी का फ़ोटो शूट तो याद होगा। आज वो इतने बड़े हो चुके है कि मेरी पहुँच से बाहर है । उस समय तो उनका मोबाइल नंबर लिया था अब मेरे पास नही है।
मुझे कई बार लगता है क्या वजह है कि मैं ऐसे कई प्रसिद्ध व्यक्तियों से छोटी सी मुलाकात करता हूँ वो मुझे याद भी रहती है उस छोटी सी मुलाकात के समय वो प्रसिद्ध नही होते लेकिन कुछ सालों बाद वो उस मुकाम पर होते है जिसका सपना भी उन्होंने नही देखा होगा। मैं यह नही कह रहा उनके प्रसिद्ध होने में मेरी कोई भूमिका है लेकिन यह सम्भव है यह प्रसिद्ध लोग मेरी किताब का हिस्सा बने इसलिये ईश्वर ऐसे लोगो से मुझे मिलवाता रहता है।
सन्दीप माहेश्वरी जैसा ही किस्सा कुमार विश्वास से मुलाकात का है ……..
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हरीश शर्मा
मेरी आने वाली किताब "20 years of Entertainment PR" के कुछ अंश।