Sunday, April 23, 2023

लाहौर के हनुमान

लाहौर के हनुमान जी

मैं मीनाक्षी ईहा लाहौर में है भारत से गए है किसी रेस्टोरेंट में हमने लंच किया है। जब हम होटल पहुंचे मीनाक्षी को गैस बन गई। 

उन्हे होटल के कमरे में छोड़कर मैं दवाई लेने निकला हूं। 

होटल के पोर्च पर सिक्योरिटी वाले से पूछता हूं गैस हो गई है दवा लेनी है कोई मेडिकल शॉप है। सिक्योरिटी वाला होटल के सामने इशारा कर बताता है 145 नम्बर में मेडिकल की दुकान है चले जाएं।

सामने दरअसल ऐसा लगता है कोई बैरक रही होगी जिसके ऊपरी भाग में और नीचे छोटे छोटे कमरे है जिनमें अब दुकानें है । उस बाजार में जाने के लिए छोटे सफेद मटमेले रंग के तंबू है करीब 20 वहां पर हरेक entry पर एक दो सफेद सलवार सूट में सिक्योरिटी वाले है।

एक गेट से मैं अन्दर गया उस तम्बू से बैरक के बीच में करीब 25/30 मीटर की दूरी है बहुत खूबसूरत घास का मैदान और गुलाब के फूलों के पेड़ है।

जब 145 नम्बर पर जाने के लिए नीचे खड़े सिक्योरिटी वाले से कहता हूं वो इंटरकॉम पर दवाई पूछता है पता चलता है कोई दवाई गैस की नही है खत्म हो गई है। 


जब वापस मुड़ता हूं तो right side में एक खूबसूरत इमारत है जिसके ऊपरी भाग में तिकोने बनी शेप है। दूर से देखता हूं वहां जाने का गेट है दरवाजे पर जय बजरंगबली लिखा है। मुझे आश्चर्य होता है। मेरी इच्छा वहां जाने की होती है उधर के लिए चलता हूं तो देखता हूं उस इमारत के ठीक सामने थोड़ी दूरी पर काले संगमरमर का चार पांच फीट का लम्बा और चौड़ा पत्थर लगा उस पत्थर पर हनुमान जी की उड़ते हुए वाली चित्रकारी उकेरी हुई है और उसे बहुत सहेज कर रखा गया है चमक ऐसी है की अभी अभी तेल से उसे चमकाया गया है ।

 मैं आश्चर्य में मन ही मन प्रणाम करता हूं । मोबाइल से फोटो खींचना चाहता हूं तभी मुझे अपनी पिछली लाहौर यात्रा याद आ जाती है जब मैंने बाघा बार्डर पर पाकिस्तान वाली साइड में चिल्लाया था हिन्दुस्तान जिन्दाबाद। वो scene मैं create नही करना चाहता उस दिन तो कैलाश खैर साथ थे तो बच गए थे वरना अभी तक लाहौर जेल में होता।


अब मैं बाहर निकलने के लिए एक तंबू की तरफ जाता हूं तो देखता हूं तीसरे तम्बू पर रुहूहफजा जैसा शर्बत पीला रहे है ।मेरा मन उसे पीने का होता है उस तरफ जाता हूं उससे पहले वाले तम्बू के अंदर side में दो सिक्योरिटी वाले मोबाइल पर कुछ देख रहे है पास जाने पर देखता हूं उसमे एक को तो मैंने कपिल शर्मा के शो और अन्य कुछ शो में कॉमेडी करते देखा है। मैं उससे कहता हूं कैसे हो भाई जान वो बिना सिर उठाए हाथ हिलाकर कहता सब ठीक। बाद में गूगल में search करने पर पता चलता है वो मालिक नसीम विक्की है।

जब शरबत वाले तम्बू पर पहुंचता हूं तो एक सिक्योरिटी वाला पूछता है शर्बत पीना है मैं हां बोलता हूं तो वो कहता है मैं आपको दो शर्बत का कूपन दे रहा हूं क्योंकि आप उस इशारा कर कॉमेडी वाले के तरफ कर जोकर को जानते हो। 

मैं कूपन लेकर तम्बू के गेट पर देता हूं वो मुझे एक गिलास में लाल सा शर्बत देता है मैं गिलास को देखता हूं पीने के लिए मुंह की तरफ बढ़ाता हूं तभी मेरे मोबाइल का अलार्म चीख मार देता है मेरी आंख खुल जाती है । शर्बत पीना रह जाता है। हाथ मुंह धोकर लिखने बैठ जाता हूं क्योंकि सपनो की मियाद बहुत लम्बी नही होती। 

आमतौर पर मैं दिन में सोता नही हूं लेकिन आज श्रीमद् भागवत गीता पाठ सुनकर आने के बाद शरीर बोला एक घण्टा सो लो और मैं सो गया अमूमन मुझे सपने भी नही आते लेकिन यह सपना आया याद भी रहा। 

हरीश शर्मा 

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