मेहदी हसन
रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का समां हो गए, रंजिश ही सही जैसी ग़ज़ल गाने वाले मेहदी हसन से मेरी मुलाकात दो घण्टे की थी । मेरे मित्र मनमीत सिंह का करीब 11 बजे फोन आया कि मेहदी हसन साहब आये हुए है और करोल बाग दिल्ली के एक होटल में ठहरे हुए है कुछ इंटरव्यू हो सकते है क्या ?
मैंने कहा पाकिस्तानी मेहदी हसन मनमीत ने कहा एक ही मेहदी है भाई, मैं उनसे मुलाकात को लेकर बहुत उत्साहित था आधे घण्टे के अंदर मैं उनके सामने था मैंने चरण छूकर कहा मैं खुश नसीब हूँ कि आपसे मुलाकात हुई मेरा सपना पूरा हुआ हुक्म करे क्या कर सकता हूँ ।
मेरी उनसे खूब बात हुई हालाकिं उनकी तबियत बहुत नासाज थी लेकिन संगीत और राजस्थान की बात करते ही उनके चेहरे पर रौनक आ गई थी । मैंने उनसे कहा मेरी एक ही तमन्ना है माफी के साथ, क्या आप मुझे रफ्ता रफ्ता एक लाइन सुना सकते है उन्होंने मेरी इक्छा पूरी की उनके रफ्ता रफ्ता गाते ही मेरी आँखों से आँसू बह निकले मुझे देख उनकी आंखें भी नम हो गई ।
मैंने कहा यह खुशी के आँसू है एक इतना बड़ा गायक एक छोटे से इस कमरे में एक अन्जान व्यक्ति की फरमाइश पूरी कर रहा है । वो मुझे बोले मेरी आँखें इसलिए भीग गई कि इतनी बाद की पीढ़ी अभी भी मेरी ग़ज़लों को याद करती है ।
मेहदी साहब ने बताया कि एक समय था जब हम खुद 200/300 किलोमीटर गाड़ी चलाकर शो करने जाते थे, गाड़ी चलाने के उसी शौक ने आज मेरे दोनो पैर बे कार यानि बेकार कर दिये अब मैं खुद से चल भी नही पाता ।
उन्होंने बताया वो हिन्दुस्तान से बहुत मोहब्बत करते है राजस्थान की सोंधी मिट्टी की खुशबू कभी दूर हो ही नही पाई। मेरा आज भी पसन्दीदा खाना राजस्थानी उड़द की दाल चपाती और गुड़ जरूरी है ।
वो बोले मैं खुद बहुत अच्छा खाना बनाया करता था । मैंने बिदाई लेने के लिये पैर छुए तो गले लगा कर बोले शर्मा जी एक बात और मैं शुद्ध शाकाहारी हूँ । मैंने हंसकर कहा पाकिस्तानी मुसलमान और शाकाहारी वाह आपने तो दिल ही जीत लिया।
2012 में जब हम कैलाश खेर के साथ शो के लिये कराची पहुँचे थे तब मैं और कैलाश जी मेहदी हसन साहब के घर जाना चाहते थे उस समय मेहदी साहब की तबियत बहुत खराब थी कैलाश जी उन्हें कुछ आर्थिक सहयोग करना चाहते थे लेकिन सुरक्षा दस्ते ने हमारी मांग सिरे से ख़ारिज कर दी कि जिस जगह मेहदी साहब रहते है वहाँ जाना खतरे से खाली नही और हम नही जा पाये।
कुछ ही महीनों बाद उनके इन्तकाल की खबर टीवी समाचार में देखी सुनी। मेरी आँखों के सामने दिलोदिमाग पर उनसे मुलाकात का वो मंजर घूम गया । मैंने रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का ग़ज़ल सुनकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी।
मेहदी हसन जैसे फनकार कहाँ जाते है कही नही वो अपनी रूह हमारे इर्दगिर्द ही छोड़ जाते है अपनी सुरीली आवाज में अपनी गजलों में अपनी गायक़ी में।
मेरी आने वाली किताब 20 years of entertainment PR से
हरीश शर्मा
I am big fan of mehdi Hasan ji bhiaya such a legendary singer, thanks for sharing beautiful memories meeting with mehdi sir.
ReplyDeleteRafta rafta is my favourite one
कब तक आ रही है किताब?
ReplyDeleteWe are waiting for your book....This will must be a very heart touching & intresting
ReplyDeleteBook will be come out end year I hope.
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