Wednesday, September 26, 2018

Bharat Brahmchari

India TV पर ब्रह्मचारी बने भरत वा उसके माता पिता पर शो आ रहा था

क्या किसी बेटे को माँ बाप अपने प्यार की वजह वो नही करने देना चाहते जो वो करना चाहता है। बेटा ब्रह्मचारी बनना चाहता है माँ बाप के लिये बहुत कठिन है बेटे का घर छोड़ कर जाना ब्रह्मचारी बनना लेकिन कोई किसी को बिना मर्जी के कुछ नही बना सकता है भरत अपनी मर्जी से ब्रमचारी बना है । यदि वो वापस आ भी जाये मानसिक रूप से ब्रह्मचारी ही रहेगा माँ बाप की जिद के आगे नतमस्तक ।

वैराग्य ब्रह्मचार्य  किसी भी परिधि में नही आता कितने युवा ब्रह्मचारी बनते है वैराग्य धारण करते है । सिर्फ माता पिता को भरत को वैसे ही अपनाना चाहिये तभी सब ठीक लगने लगेगा ।

शो में बैठी जनता का बात बात पर हँसना और ताली बजाना भरत के ब्रह्मचार्य को चुनौती देता लग रहा था लेकिन भरत ने संयमित रहते हुए अपने माता पिता वा सौरभ का पूरा मान रखा उसका यह कहना कि सौरभ आप यहाँ है आपके माता पिता कही और रहते हो और वो बोले सब कुछ छोड़ कर यहाँ आ जाओ तो क्या सम्भव है या मैं वही करु जो इन्हें पसंद है मुझे नही।

यह ऐसा विषय है जिस पर शो करना किसी निष्कर्ष पर नही पहुँच सकता ? क्योंकि भरत को वही करना है जो उसे करना है माहौल ने या किसी के दबाब ने उसे ब्रह्मचारी नही बनाया बल्कि उसने खुद ऐसा माहौल बनाया जैसा उसे बनना था।

हरीश शर्मा

Monday, September 24, 2018

गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ - विष्णु शर्मा

गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ - विष्णु शर्मा


मैंने किताब तो लिखी है लेकिन समीक्षा नही यह मेरी पहली कोशिश है जैसी लगे सलाह दीजियेगा ।

गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ के लेखक विष्णु शर्मा मेरे बहुत पुराने सखा है दिल्ली में मेरे संघर्ष के समय से।
कुछ महीनों पहले यह किताब मैंने #Amazon से मंगाई थी चाहता तो उनसे कह कर भी पा सकता था लेकिन फिर यह समीक्षा लिखते समय हमेशा यह बात दिमाग में रहती कि अच्छा ही लिखना है ।

प्रभात पेपरबैक्स के द्वारा यह किताब प्रकाशित की गई है आज के समय में देशभक्ति की किताबें भी यह प्रकाशित कर सकते है उसके लिये बधाई लेकिन शिकायत भी कि यह किताब अब अमेज़न या फिल्पकार्ट पर उपलब्ध नही है कृपया ध्यान दे।

किताब बहुत शानदार है हलांकि जिन गुमनाम नायकों के विषय में लेखक ने लिखा है उनमें से बहुत से नायकों को मैंने हमनें पढ़ा है अपनी 8वीं कक्षा तक की किताबों में लेकिन फिर से पढ़ने से सब पढ़ा ताजा हो गया। भाषा बहुत सरल है कई पाठक कह सकते है कि हिन्दी में भी कुछ सरल कठिन हो सकता है उनके लिये इतना ही कि हिन्दी कठिन नही यदि आप उससे प्यार करें तो यह आपको अपनाने में देर नही करेगी।

समीक्षा को आगे बढ़ाते है किताब में कुल 25 नायकों के विषय में बताया गया है नायक इसलिये कि पढ़ने के बाद मेरे लिये यह सभी गुमनाम नही रह गये ।

पहले नायक है बाघा जतिन शीर्षक इतना जबरदस्त है राष्ट्रपिता गाँधी जी नही ये होते हो जाता वह प्लान कामयाब ।लेकिन साथी ने गद्दारी नही की होती , तो देश को न गांधी की न बोस की । उनकी मौत ने ही तमाम क्रांतिकारी पैदा किये धन्य है बाघा।

अफसोस हुआ पढ़कर कि तमाम नायकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा या योजना फलीभूत नही हुई क्योंकि जयचंद हमेशा रहे जयचंद यानि गद्दार।

अंग्रेजों के राज को 5 साल पहले खत्म करने वाले में कितना दम होगा लेकिन आपको पता चले कि वो एक 72-73 साल की महिला थी तो आप किताब जरूर पढ़ना चाहेंगे। जी हाँ मातंगिनी हाजरा नाम था उस वीरांगना का ।

एक से एक नायक की गाथा कोमारम भीम,बाबा गुरदित सिंह,18 साल का अनंत लक्ष्मण, विष्णु पिंगले, वासुदेव बलवंत फड़के इन्हें मैंने 5 वी कक्षा में पढ़ा था,उधम सिंह की कहानी, सिस्टर निवेदिता ,श्यामजी कृष्ण वर्मा उन्हें पढ़िये कि सिर्फ देश में ही नही विदेशों में भी आजादी की जद्दोजहद जारी थी लंदन में वर्मा जी ने इण्डिया हाउस खोला था ।जो केंद्र था भारत को आजाद कराने का। 2003 में मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी इनकी और पत्नी की अस्थियाँ भारत लेकर आये थे। 

अन्य बहुत से नायक के विषय में आप पढ़ेंगे तो कभी रोना आयेगा कभी गुस्सा आयेगा कभी उनकी मजबूरी पर क्षोभ होगा और गद्दारो को तो आप सीधे नरक में डाल देंगे।

विशेष बात जो किताब पढ़ने से पता चली वो यह कि किसी न किसी ढंग से स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती आदि महापुरुष प्रेरणास्रोत रहे तमाम क्रांतिकारियों के ।

दूसरी बात पता चली कि 1914 प्रथम विश्वयुद्ध के समय गाँधी जी भारतीयों की भर्ती में लगे थे कि यह लोग इंग्लैंड की सेना के लिये लड़े उस समय गाँधी को सार्जेंट भी कहा जाने लगा था।

क्रांतिकारीओ का झगड़ा गाँधी जी से था कि जब प्रथम विश्वयुद्ध और दूसरे विश्वयुद्ध के समय अच्छा मौका था देश को आजाद कराने का लेकिन गाँधी अंग्रेज़ो की मजबूरी का लाभ उठाने के सख्त खिलाफ थे।

लेखक विष्णु शर्मा इतिहास के छात्र रहे है उनकी किताब पढ़ने के बाद उनसे उम्मीद है कि वह गाँधी पर किताब लिखें कि देश के लिये यदि गाँधी यह करते तो बेहतर होता।

किताब में सिर्फ आजादी के मतवालों की कहानी ही नही है बल्कि अटल जी को निर्दलीय खड़े होकर हराने वाले हाथरस के राजा की कहानी भी किताब को पढ़ने की जिज्ञासा बढ़ाती है।

कितने लोग जज जगमोहन लाल सिन्हा का नाम जानते है जिन्होंने निडरता से ताकतवर प्रधानमंत्री को उनकी कुर्सी से बेदखल होने को मजबूर कर दिया। मैं बता सकता हूँ लेकिन जैसा फिल्मों में होता है कि अंत पता चल गया तो फ़िल्म देखने का मजा ही खत्म इसलिये किताब पढ़िये।
विष्णु शर्मा ने विषय ही ऐसा चुना है जिसके लिये उनकी सिर्फ तारीफ ही कि जा सकती है।तारीफ इसलिये भी कि एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी पर इतना ही लिखा कि रोचकता बनी रहे वरना वो किताब को अधिक मोटा भी कर सकते थे लेकिन उन्होंने कम शब्दों में सब कुछ कह दिया है यह खूबी संभवतः उनके पत्रकारिता के अनुभव की वजह से संभव हो पाई।

आज की पीढ़ी को यह किताब पढ़नी चाहिये साथ ही नेताओं को भी, उन्हें पता तो चले कि आजादी कितनी कठिन परिश्रम से मिली है।

हर नायक पर फ़िल्म बन सकती है फिल्मी आदमी हूँ इसलिये कह रहा हूँ  कहानी तैयार है सिर्फ फिल्मी जामा पहनाना है।

विष्णु जी लिखते रहे कोई तो अलख जगाये रखे अपने इतिहास की 

शुक्रिया

हरीश शर्मा

Thursday, September 20, 2018

महेश भट्ट साहेब को जन्मदिन की बधाई

आज भट्ट साहेब का जन्मदिन है बहुत बधाई,
बधाई उनके वापस निर्देशक के तौर पर वापस आने पर भी भट्ट साहेब सड़क 2 निर्देशित करेंगे।
हर क्षेत्र पर उनकी जानकारी जबरदस्त है ।
लगभग 12-15 फिल्मों का साथ रहा मेरा उनके साथ, मेरे पी आर के सफल होने में उनकी मदद बेमिसाल है । राज फ़िल्म से हुई शुरुआत राज तक रही लगभग इन दस सालों ने मुझे सफलता के उस शिखर पर पहुँचा दिया जहाँ कुछ भी मेरी पहुँच से दूर नही था नाम पैसा शोहरत ग्लैमर इतना अधिक कि एक दिन मैं इन सब से उकता गया। धीरे धीरे सब से दूरी कर ली।
भट्ट साहेब के touch में नही हूँ अभी लेकिन भरोसा है कि भट्ट साहेब एक फोन दूरी पर है ।
सड़क 2 सफलता के उस शिखर को छुएगी जिसके लिये भट्ट साहेब जाने जाते है।

Monday, September 17, 2018

Happy birthday to Prime Minister from13000 .

Maharashtra's Shital Mahajan भारतीय पॅराजंपर ( स्काय डायव्हर) पद्मश्री शीतल महाजन ने, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को उनके जन्मदिन 17 सितम्बर  को शिकागो मे 13000 फिट की ऊँचाई से जम्प कर शुभेच्छा पत्र /ग्रीटिंग कार्ड लेकर बधाई दी है
पॅराजंम्पिंग /स्कायडाइविंग खेल में अमेरिका के नॅशनल स्काइडाइविंग चैंपियनशिप में भाग लेने पहुंची शीतल महाजन अपने भारतीय टीम के दूसरे खिलाड़ी सुदीप कोडावती(कैमरामैन) जो अमेरिका में शिकागो मे 8 साल से रहते है और पॅराजंम्पिंग /स्कायडाइविंग खेल में भारत देश का प्रतिनिधित्व करते है।


https://youtu.be/9WgH0ffNSDk

Sunday, September 16, 2018

Review of I am not Guilty

https://www.instagram.com/p/BnxijtPFqX6/?utm_source=ig_share_sheet&igshid=96y62lxobx4m

Saturday, September 15, 2018

Book Review of my book I am not Guilty Kasab

https://www.instagram.com/p/BnsT5yNHZ23/?utm_source=ig_share_sheet&igshid=1x7uncnd1qobl

Unique day sunday 16th September 2018

*Never ! Never miss this coming Sunday 16th September

Rare and golden opportunity*

Tomorrow
Sunday-- is the rarest day ! It is a combination of 3 elements-- viz Shukla pakaham /Sapthami thithi this is called *Bhanu Sapthami Day*
    
This day is eq to *1000 times of Solar Eclipse day.
  
Any *punya* activity done on this day has a *terrific manifolding effect*.

This day=1000 times of Solar Eclipse Day

ie. *=* 1000 times(1000 normal days)

*=* 1,00,000 times normal days punya activity

*What is to be done*?

Any/few/all the following--

1)Early morning Sacred River Bath
2)Nitya puja /abishekam/archana to God
3)Visit to temp and do archana
4)1008 Times Gayatri Japam chanting
5)Doing Surya Namaskaram
6)Reciting Aditya Hrudayam slokam min 9 times
7)Doing Annadanam
8)Visiting Goshala and feeding the Cows
9)Giving clothes, umbrella, chappal to the poor
  
Pl grab this opportunity of *manifolding Punya effect*

Source my Astrology Guru.

Harish Sharma

Thursday, September 6, 2018

Reservation in India

As early as 2020, every state will have institutions like AIIMS, IITs, and other prestigious higher learning schools. And their specialty will be that these schools will be exclusive for members of the reservation quota. All faculty members will also belong to reservation quota. Non-reservation public will have no place in these institutes.

Rejoice... For plans are underway to run airport, railway, and bus services only for the reservation quota. Organization of sports activities and even enlistment into the defence forces will have a special reservation quota branch. Distinct police stations employing a reservation exclusive police force will be made available to address the grievances of the reservation quota public only.

Other long-term plans are also in process which may take a little longer. Such as a newspaper, which will be called 'Reservation', and the readership for which will also be of reservation quota; TV channels run by and for reservation quota members. A special debate between all politicians of this quota is in the works and measures are being taken to ensure that the reservation only television channel and the following debate will be broadcast only to the television sets of...you guessed it, members of the reservation quota.

Efforts are being made towards production of reservation quota exclusive films, shows, and more. What's more, film theaters only for quota members are being innovated. Only films meant for reservation quota will be played in these theaters viewing which will be mandatory for the quota members. 

I'll keep you posted in case of any more development on the same.

Harish Sharma

आरक्षण

2019 के बाद हर प्रदेश में एम्स,iit इंजीनियरिंग कॉलेज और ना जाने कितने ऐसे महाविद्यालय खोलने की योजना है इन सबकी विशेषता होगी कि इनमें सिर्फ आरक्षण कोटे को प्रवेश मिलेगा सारे शिक्षक प्रोफेसर डॉक्टर सब आरक्षित कोटे से होंगे बिना आरक्षण वाले को कोई स्थान नही होगा।
बधाई

क्यों कि ऐसे ही हवाई सेवायें रेलगाड़ी बस आदि की सुविधाएं भी आरक्षित श्रेणियों के लिये शुरू करने की योजना है
इसके अलावा खेल प्रतियोगिता का आयोजन सेना में भर्ती के लिये तो बिना पढ़े भर्ती लेकिन सिर्फ आरक्षित कोटे के लिये हैं यह सुविधा और तो और विशेष थाने भी इनके लिये बनाने की योजना है जहाँ सारे पुलिस वाले आरक्षण कोटे के होंगे साथ इन थानों में शिकायत भी सिर्फ आरक्षण कोटे के लिये होगी ।

अन्य योजनाएं भी है जिनमें थोड़ा समय लग सकता है जैसे अख़बार जिसका नाम ही होगा आरक्षण पढ़ भी सिर्फ वो ही लोग सकते है आरक्षण tv भी शीघ्र होगा जिसमें सारा स्टाफ आरक्षण कोटे का होगा और आरक्षण कोटे के जितने नेता है उन सबको ही बहस में मौका दिया जायेगा ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यह सिर्फ आरक्षण कोटे वाले घरों में आये।

आरक्षण कोटे की फिल्में,धारावाहिक, आदि भी बनाने पर विचार चल रहा है साथ ही ऐसे सिनेमाहॉल बनाने की योजना भी है जहाँ सिर्फ यह फिल्में दिखायी जायेंगी और हर आरक्षण कोटे के लोगो को इनको देखना अनिवार्य होगा।

कुछ और ऐसा होता है या योजना बनेगी तो बताता हूँ।

हरीश शर्मा