India TV पर ब्रह्मचारी बने भरत वा उसके माता पिता पर शो आ रहा था
क्या किसी बेटे को माँ बाप अपने प्यार की वजह वो नही करने देना चाहते जो वो करना चाहता है। बेटा ब्रह्मचारी बनना चाहता है माँ बाप के लिये बहुत कठिन है बेटे का घर छोड़ कर जाना ब्रह्मचारी बनना लेकिन कोई किसी को बिना मर्जी के कुछ नही बना सकता है भरत अपनी मर्जी से ब्रमचारी बना है । यदि वो वापस आ भी जाये मानसिक रूप से ब्रह्मचारी ही रहेगा माँ बाप की जिद के आगे नतमस्तक ।
वैराग्य ब्रह्मचार्य किसी भी परिधि में नही आता कितने युवा ब्रह्मचारी बनते है वैराग्य धारण करते है । सिर्फ माता पिता को भरत को वैसे ही अपनाना चाहिये तभी सब ठीक लगने लगेगा ।
शो में बैठी जनता का बात बात पर हँसना और ताली बजाना भरत के ब्रह्मचार्य को चुनौती देता लग रहा था लेकिन भरत ने संयमित रहते हुए अपने माता पिता वा सौरभ का पूरा मान रखा उसका यह कहना कि सौरभ आप यहाँ है आपके माता पिता कही और रहते हो और वो बोले सब कुछ छोड़ कर यहाँ आ जाओ तो क्या सम्भव है या मैं वही करु जो इन्हें पसंद है मुझे नही।
यह ऐसा विषय है जिस पर शो करना किसी निष्कर्ष पर नही पहुँच सकता ? क्योंकि भरत को वही करना है जो उसे करना है माहौल ने या किसी के दबाब ने उसे ब्रह्मचारी नही बनाया बल्कि उसने खुद ऐसा माहौल बनाया जैसा उसे बनना था।
हरीश शर्मा
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