Tuesday, August 18, 2020

सुरेश रैना हमारे गुरु भाई -

सुरेश रैना हमारे गुरु भाई-

सुरेश रैना और मैं गुरु भाई है। स्पोर्टस कॉलेज लखनऊ में, मैं 1978 में था और रैना 1999 बैच के।

रैना से मेरी पहली मुलाकात चंडीगढ़ में 2018 15 अगस्त को हुई थी मुझे ए बी पी चैनल के विशेष कार्यक्रम के लिये कैलाश खेर को वाघा बॉर्डर पर लेकर जाना था। चैनल से मेरे पुराने मित्र संजय पांडेय थे । 

संजय पांडेय ने मुझे बताया कैलाश जी के अलावा सुरेश रैना भी इस कार्यक्रम का हिस्सा है। मैंने संजय को बताया मुझे सुरेश रैना से मिलना है हम गुरु भाई है। जब संजय उनसे मिलने जा रहे थे उनके रूम में मुझे अपने साथ ले गये।

रैना को मैंने बताया हम गुरु भाई है मेरे और आपके गुरु दीपक शर्मा जी है तो वो खुश हो गए खड़े होकर हाथ मिलाया गले लगे प्यार से अपनी बगल में बैठाया और कमरे में उपस्थित एक अन्य व्यक्ति का परिचय कराते हुए बोले यह है नीरज चौरसिया एक ओर गुरु भाई हम दोनों एक ही बैच में थे स्पोर्ट्स कॉलेज में। अब नीरज मेरे साथ ही रहते है कोई भी काम हो आप इनसे संपर्क में रहे।

हम तीनों की थोड़ी देर बात हुई हमने स्पोर्ट्स कॉलेज की बात की अपने गुरु क्रिकेट कोच साहब दीपक शर्मा जी की बात की।

चूँकि हम सबको तैयार होकर वाघा पहुँचना था इसलिए हम वाघा पर दोबारा मिलने के वायदे के साथ विदा हुए। 

मैं कैलाश जी को लेकर वाघा पहुँचा थोड़ी देर में रैना और नीरज भी आ गये। मैंने कैलाश जी की मुलाकात रैना और नीरज से करायी और उन्हें बताया हम एक ही कॉलेज से है। 
कार्यक्रम लाइव था हमारे पास काफी समय था चित्रा त्रिपाठी चैनल की प्रस्तोता थी। उस दौरान हमारी काफी बातचीत हुई फ़ोटो खींचे गये। 

मैंने यह ख्याल रखा कि कैलाश जी के अलावा रैना को भी कोई दिक्कत न आये। स्पोर्ट्स कॉलेज में सीनियर और जूनियर का बहुत मसला हमेशा रहा है बात सिर्फ सम्मान की होती है। 

रैना भी इस बात का पूरा ख्याल रख रहे थे और मुझे भाई जी या भाई साहब कह कर ही संबोधित कर रहे थे । 15 अगस्त के कार्यक्रम बहुत सुंदर थे। ए बी पी चैनल, संजय पांडेय और चित्रा त्रिपाठी ने दोनों मेहमानों का बहुत खयाल रखा।

कार्यक्रम के बाद सेना के अधिकारियों के साथ चाय नाश्ते का विशेष कार्यक्रम था जिसमें कैलाश जी और रैना के साथ कम से कम 200 फ़ोटो खींचे होंगे लेकिन दोनों मुस्कराकर सबको खुश करते रहे।

एक बात जो रैना की मुझे नही भूलती चाय नाश्ते के दौरान मैं रैना और नीरज एक साथ खड़े बातें कर रहे थे रैना ने कुछ मजाक किया नीरज ने रैना को टोका तो रैना ने मुस्करा कर कहा भाई साहब बड़े है लेकिन थोड़ा मजाक तो कर सकता हूँ ।

मैंने कहा रैना यह आपका बड़प्पन है जो स्पोर्ट्स कॉलेज का रिश्ता अभी तक निभा रहे है। रैना ने कहा क्या भाई जी अपने लोगो के साथ क्या बड़प्पन। 

वाघा बॉर्डर से होटल वापस पहुँचते हुए नीरज ने मुझे कहा हम लोग  स्वर्ण मन्दिर जाना चाहते है मैंने अपने स्थानीय मित्रो को फोन कर सारा इन्तजाम कर दिया। लेकिन वो लोग किसी कारण से नही जा पाये। मैंने बोला भी अमृतसर आकर स्वर्ण मंदिर न जाना मतलब पुनः आना पड़ेगा यहाँ। पता नही जा पाये या नही।

रैना से एक दिन की मुलाकात हमेशा यादगार रहेगी। नीरज के सम्पर्क में हूँ रैना के बारे में बातचीत होती रहती है। 

रैना पर हम सब कॉलेज वालो को गर्व है वो एक दिवसीय और टी 20 के शानदार खिलाड़ी रहे है उम्मीद है आईपीएल में वो अभी तीन चार वर्ष आराम से खेलते रहेंगे और हमें उनके चोक्के छक्के देखने को मिलते रहेंगे।

उनको शुभकामनाएं नये मुकाम के लिये।

हरीश शर्मा

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