Friday, August 28, 2020

शुक्र पर्वत का महत्व

हस्तरेखा ज्ञान 

शुक्र पर्वत का महत्व

हाथ में जितनी रेखाएँ है पर्वत है सब में बदलाव होते रहते है।

किसी का भी हाथ हो यह अवश्यम्भावी है। हथेली में सात पर्वत होते है। सूर्य पर्वत, चन्द्र पर्वत, मंगल पर्वत, बुध पर्वत, गुरु पर्वत, शुक्र और शनि पर्वत।

आज शुक्र पर्वत की बात करते है। शुक्र पर्वत अँगूठे के निचले भाग को कहते है। 


शुक्र पर्वत सुविकसित हो यानि न बहुत उभरा न बहुत दबा तो ऐसे व्यक्ति सुख सम्पन्नता, उत्तम स्वास्थ्य, स्त्री पुरुष के बीच समुधर संबंध होते है। संगीत कला में व्यक्ति की रुचि होती है। भावनात्मक संबंध, सरल मन विचार, दुसरो को मदद सहयोग करने वाला, भावुक होते है।

यदि शुक्र क्षेत्र विकसित न हो, सख्त हो तो व्यक्ति कठिन कार्य करने वाला होगा, साथ ही व्यभिचारी, कठोर, असंयमी और रूखा बोलने वाला होगा। ऐसे में यदि हथेली का रंग पीलापन लिए हो तो ऊपर लिखे अवगुण में इजाफा होता है।

यदि शुक्र क्षेत्र अत्याधिक विकसित हो तो व्यक्ति आराम तलब, आलसी, सैक्स के प्रति बहुत अधिक रुचि जिसके अंतर्गत वो गलत कदम उठाने से भी संकोच नही करेंगे। ऐसे में यदि हथेली का रंग लाल हुआ तो ऐसे व्यक्ति कामवासना के प्रति बहुत खतरनाक हो सकते है। 

आमतौर पर शुक्र पर्वत आकर्षक दिखने वाला व्यक्ति सौन्दर्य प्रेमी होता है किसी भी स्थान पर सौंदर्य खोज लेते है। सुविधा संपन्न जीवन प्रेमी होते है।

यदि शुक्र पर्वत पर स्पष्ट खड़ी रेखायें हो तो व्यक्ति कई विदेश यात्रायें अवश्य करेगा। आमतौर पर विदेश यात्रा के लिए चन्द्र पर्वत की रेखाओं को देखा जाता है पर मेरा अनुभव कहता है कि शुक्र पर्वत भी विदेश यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है।


जन्मपत्री में मजबूत शुक्र हो तो व्यक्ति फैशन, पर्यटन, कम्प्यूटर, हस्तशिल्प, सिनेमा, संगीत, कला, ज्वैलर्स व्यापार, जनसंपर्क, रक्षा तकनीक जैसे क्षेत्रों में रोजगार या व्यापार में जाने की संभावना अधिक होती है।

Tip - सिर दर्द होने पर गर्म पानी पिये, नाक के एक छिद्र को दबाकर 15 बार फिर दूसरे छिद्र से 15 बार फिर 11 बार साधारण अनुलोमविलोम करे सिर दर्द गायब।

हरीश शर्मा

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