Sunday, December 23, 2018

Padama Shri Punam Suri

Surprise visit of #PadmaShri #PunamSuri ji to my room He is #educator, #journalist #President  #DAV #College #ManagingCommittee  #Chancellor of #DAVUniversity, #ManagingEditor #DailyMilap,
I cash this opportunity to gift my debut #book #IamnotGuilty #Kasab click the photo.

Poster Launched

My 2nd #book "No Ball 2 Crore" poster launched in #Delhi #Singer #DJSumit#Tvjournalist #VikrantGupta, #Singer #MalkitSingh, #Cricketer #ChetanSharma #Actress #MeetaVashishth and #Dabang #Director #AbhinavKashyap #DAVUnitedFestival in #IndiraGandhiNationalcenterfortheArts today 22nd December 2018

Thursday, November 8, 2018

One more review of my book

https://www.instagram.com/p/Bp6cu2NHvOq/?utm_source=ig_share_sheet&igshid=v54as725t5zk

Saturday, October 27, 2018

My 2019 World Cup India Cricket Team

Check out @harishsharma1’s Tweet: https://twitter.com/harishsharma1/status/1056222457588117505?s=09

Monday, October 15, 2018

New review of my book

https://www.instagram.com/p/Bo6oTLplzP4/?utm_source=ig_share_sheet&igshid=171ep4vbsw6mz

Wednesday, September 26, 2018

Bharat Brahmchari

India TV पर ब्रह्मचारी बने भरत वा उसके माता पिता पर शो आ रहा था

क्या किसी बेटे को माँ बाप अपने प्यार की वजह वो नही करने देना चाहते जो वो करना चाहता है। बेटा ब्रह्मचारी बनना चाहता है माँ बाप के लिये बहुत कठिन है बेटे का घर छोड़ कर जाना ब्रह्मचारी बनना लेकिन कोई किसी को बिना मर्जी के कुछ नही बना सकता है भरत अपनी मर्जी से ब्रमचारी बना है । यदि वो वापस आ भी जाये मानसिक रूप से ब्रह्मचारी ही रहेगा माँ बाप की जिद के आगे नतमस्तक ।

वैराग्य ब्रह्मचार्य  किसी भी परिधि में नही आता कितने युवा ब्रह्मचारी बनते है वैराग्य धारण करते है । सिर्फ माता पिता को भरत को वैसे ही अपनाना चाहिये तभी सब ठीक लगने लगेगा ।

शो में बैठी जनता का बात बात पर हँसना और ताली बजाना भरत के ब्रह्मचार्य को चुनौती देता लग रहा था लेकिन भरत ने संयमित रहते हुए अपने माता पिता वा सौरभ का पूरा मान रखा उसका यह कहना कि सौरभ आप यहाँ है आपके माता पिता कही और रहते हो और वो बोले सब कुछ छोड़ कर यहाँ आ जाओ तो क्या सम्भव है या मैं वही करु जो इन्हें पसंद है मुझे नही।

यह ऐसा विषय है जिस पर शो करना किसी निष्कर्ष पर नही पहुँच सकता ? क्योंकि भरत को वही करना है जो उसे करना है माहौल ने या किसी के दबाब ने उसे ब्रह्मचारी नही बनाया बल्कि उसने खुद ऐसा माहौल बनाया जैसा उसे बनना था।

हरीश शर्मा

Monday, September 24, 2018

गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ - विष्णु शर्मा

गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ - विष्णु शर्मा


मैंने किताब तो लिखी है लेकिन समीक्षा नही यह मेरी पहली कोशिश है जैसी लगे सलाह दीजियेगा ।

गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ के लेखक विष्णु शर्मा मेरे बहुत पुराने सखा है दिल्ली में मेरे संघर्ष के समय से।
कुछ महीनों पहले यह किताब मैंने #Amazon से मंगाई थी चाहता तो उनसे कह कर भी पा सकता था लेकिन फिर यह समीक्षा लिखते समय हमेशा यह बात दिमाग में रहती कि अच्छा ही लिखना है ।

प्रभात पेपरबैक्स के द्वारा यह किताब प्रकाशित की गई है आज के समय में देशभक्ति की किताबें भी यह प्रकाशित कर सकते है उसके लिये बधाई लेकिन शिकायत भी कि यह किताब अब अमेज़न या फिल्पकार्ट पर उपलब्ध नही है कृपया ध्यान दे।

किताब बहुत शानदार है हलांकि जिन गुमनाम नायकों के विषय में लेखक ने लिखा है उनमें से बहुत से नायकों को मैंने हमनें पढ़ा है अपनी 8वीं कक्षा तक की किताबों में लेकिन फिर से पढ़ने से सब पढ़ा ताजा हो गया। भाषा बहुत सरल है कई पाठक कह सकते है कि हिन्दी में भी कुछ सरल कठिन हो सकता है उनके लिये इतना ही कि हिन्दी कठिन नही यदि आप उससे प्यार करें तो यह आपको अपनाने में देर नही करेगी।

समीक्षा को आगे बढ़ाते है किताब में कुल 25 नायकों के विषय में बताया गया है नायक इसलिये कि पढ़ने के बाद मेरे लिये यह सभी गुमनाम नही रह गये ।

पहले नायक है बाघा जतिन शीर्षक इतना जबरदस्त है राष्ट्रपिता गाँधी जी नही ये होते हो जाता वह प्लान कामयाब ।लेकिन साथी ने गद्दारी नही की होती , तो देश को न गांधी की न बोस की । उनकी मौत ने ही तमाम क्रांतिकारी पैदा किये धन्य है बाघा।

अफसोस हुआ पढ़कर कि तमाम नायकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा या योजना फलीभूत नही हुई क्योंकि जयचंद हमेशा रहे जयचंद यानि गद्दार।

अंग्रेजों के राज को 5 साल पहले खत्म करने वाले में कितना दम होगा लेकिन आपको पता चले कि वो एक 72-73 साल की महिला थी तो आप किताब जरूर पढ़ना चाहेंगे। जी हाँ मातंगिनी हाजरा नाम था उस वीरांगना का ।

एक से एक नायक की गाथा कोमारम भीम,बाबा गुरदित सिंह,18 साल का अनंत लक्ष्मण, विष्णु पिंगले, वासुदेव बलवंत फड़के इन्हें मैंने 5 वी कक्षा में पढ़ा था,उधम सिंह की कहानी, सिस्टर निवेदिता ,श्यामजी कृष्ण वर्मा उन्हें पढ़िये कि सिर्फ देश में ही नही विदेशों में भी आजादी की जद्दोजहद जारी थी लंदन में वर्मा जी ने इण्डिया हाउस खोला था ।जो केंद्र था भारत को आजाद कराने का। 2003 में मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी इनकी और पत्नी की अस्थियाँ भारत लेकर आये थे। 

अन्य बहुत से नायक के विषय में आप पढ़ेंगे तो कभी रोना आयेगा कभी गुस्सा आयेगा कभी उनकी मजबूरी पर क्षोभ होगा और गद्दारो को तो आप सीधे नरक में डाल देंगे।

विशेष बात जो किताब पढ़ने से पता चली वो यह कि किसी न किसी ढंग से स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती आदि महापुरुष प्रेरणास्रोत रहे तमाम क्रांतिकारियों के ।

दूसरी बात पता चली कि 1914 प्रथम विश्वयुद्ध के समय गाँधी जी भारतीयों की भर्ती में लगे थे कि यह लोग इंग्लैंड की सेना के लिये लड़े उस समय गाँधी को सार्जेंट भी कहा जाने लगा था।

क्रांतिकारीओ का झगड़ा गाँधी जी से था कि जब प्रथम विश्वयुद्ध और दूसरे विश्वयुद्ध के समय अच्छा मौका था देश को आजाद कराने का लेकिन गाँधी अंग्रेज़ो की मजबूरी का लाभ उठाने के सख्त खिलाफ थे।

लेखक विष्णु शर्मा इतिहास के छात्र रहे है उनकी किताब पढ़ने के बाद उनसे उम्मीद है कि वह गाँधी पर किताब लिखें कि देश के लिये यदि गाँधी यह करते तो बेहतर होता।

किताब में सिर्फ आजादी के मतवालों की कहानी ही नही है बल्कि अटल जी को निर्दलीय खड़े होकर हराने वाले हाथरस के राजा की कहानी भी किताब को पढ़ने की जिज्ञासा बढ़ाती है।

कितने लोग जज जगमोहन लाल सिन्हा का नाम जानते है जिन्होंने निडरता से ताकतवर प्रधानमंत्री को उनकी कुर्सी से बेदखल होने को मजबूर कर दिया। मैं बता सकता हूँ लेकिन जैसा फिल्मों में होता है कि अंत पता चल गया तो फ़िल्म देखने का मजा ही खत्म इसलिये किताब पढ़िये।
विष्णु शर्मा ने विषय ही ऐसा चुना है जिसके लिये उनकी सिर्फ तारीफ ही कि जा सकती है।तारीफ इसलिये भी कि एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी पर इतना ही लिखा कि रोचकता बनी रहे वरना वो किताब को अधिक मोटा भी कर सकते थे लेकिन उन्होंने कम शब्दों में सब कुछ कह दिया है यह खूबी संभवतः उनके पत्रकारिता के अनुभव की वजह से संभव हो पाई।

आज की पीढ़ी को यह किताब पढ़नी चाहिये साथ ही नेताओं को भी, उन्हें पता तो चले कि आजादी कितनी कठिन परिश्रम से मिली है।

हर नायक पर फ़िल्म बन सकती है फिल्मी आदमी हूँ इसलिये कह रहा हूँ  कहानी तैयार है सिर्फ फिल्मी जामा पहनाना है।

विष्णु जी लिखते रहे कोई तो अलख जगाये रखे अपने इतिहास की 

शुक्रिया

हरीश शर्मा

Thursday, September 20, 2018

महेश भट्ट साहेब को जन्मदिन की बधाई

आज भट्ट साहेब का जन्मदिन है बहुत बधाई,
बधाई उनके वापस निर्देशक के तौर पर वापस आने पर भी भट्ट साहेब सड़क 2 निर्देशित करेंगे।
हर क्षेत्र पर उनकी जानकारी जबरदस्त है ।
लगभग 12-15 फिल्मों का साथ रहा मेरा उनके साथ, मेरे पी आर के सफल होने में उनकी मदद बेमिसाल है । राज फ़िल्म से हुई शुरुआत राज तक रही लगभग इन दस सालों ने मुझे सफलता के उस शिखर पर पहुँचा दिया जहाँ कुछ भी मेरी पहुँच से दूर नही था नाम पैसा शोहरत ग्लैमर इतना अधिक कि एक दिन मैं इन सब से उकता गया। धीरे धीरे सब से दूरी कर ली।
भट्ट साहेब के touch में नही हूँ अभी लेकिन भरोसा है कि भट्ट साहेब एक फोन दूरी पर है ।
सड़क 2 सफलता के उस शिखर को छुएगी जिसके लिये भट्ट साहेब जाने जाते है।

Monday, September 17, 2018

Happy birthday to Prime Minister from13000 .

Maharashtra's Shital Mahajan भारतीय पॅराजंपर ( स्काय डायव्हर) पद्मश्री शीतल महाजन ने, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को उनके जन्मदिन 17 सितम्बर  को शिकागो मे 13000 फिट की ऊँचाई से जम्प कर शुभेच्छा पत्र /ग्रीटिंग कार्ड लेकर बधाई दी है
पॅराजंम्पिंग /स्कायडाइविंग खेल में अमेरिका के नॅशनल स्काइडाइविंग चैंपियनशिप में भाग लेने पहुंची शीतल महाजन अपने भारतीय टीम के दूसरे खिलाड़ी सुदीप कोडावती(कैमरामैन) जो अमेरिका में शिकागो मे 8 साल से रहते है और पॅराजंम्पिंग /स्कायडाइविंग खेल में भारत देश का प्रतिनिधित्व करते है।


https://youtu.be/9WgH0ffNSDk

Sunday, September 16, 2018

Review of I am not Guilty

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Saturday, September 15, 2018

Book Review of my book I am not Guilty Kasab

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Unique day sunday 16th September 2018

*Never ! Never miss this coming Sunday 16th September

Rare and golden opportunity*

Tomorrow
Sunday-- is the rarest day ! It is a combination of 3 elements-- viz Shukla pakaham /Sapthami thithi this is called *Bhanu Sapthami Day*
    
This day is eq to *1000 times of Solar Eclipse day.
  
Any *punya* activity done on this day has a *terrific manifolding effect*.

This day=1000 times of Solar Eclipse Day

ie. *=* 1000 times(1000 normal days)

*=* 1,00,000 times normal days punya activity

*What is to be done*?

Any/few/all the following--

1)Early morning Sacred River Bath
2)Nitya puja /abishekam/archana to God
3)Visit to temp and do archana
4)1008 Times Gayatri Japam chanting
5)Doing Surya Namaskaram
6)Reciting Aditya Hrudayam slokam min 9 times
7)Doing Annadanam
8)Visiting Goshala and feeding the Cows
9)Giving clothes, umbrella, chappal to the poor
  
Pl grab this opportunity of *manifolding Punya effect*

Source my Astrology Guru.

Harish Sharma

Thursday, September 6, 2018

Reservation in India

As early as 2020, every state will have institutions like AIIMS, IITs, and other prestigious higher learning schools. And their specialty will be that these schools will be exclusive for members of the reservation quota. All faculty members will also belong to reservation quota. Non-reservation public will have no place in these institutes.

Rejoice... For plans are underway to run airport, railway, and bus services only for the reservation quota. Organization of sports activities and even enlistment into the defence forces will have a special reservation quota branch. Distinct police stations employing a reservation exclusive police force will be made available to address the grievances of the reservation quota public only.

Other long-term plans are also in process which may take a little longer. Such as a newspaper, which will be called 'Reservation', and the readership for which will also be of reservation quota; TV channels run by and for reservation quota members. A special debate between all politicians of this quota is in the works and measures are being taken to ensure that the reservation only television channel and the following debate will be broadcast only to the television sets of...you guessed it, members of the reservation quota.

Efforts are being made towards production of reservation quota exclusive films, shows, and more. What's more, film theaters only for quota members are being innovated. Only films meant for reservation quota will be played in these theaters viewing which will be mandatory for the quota members. 

I'll keep you posted in case of any more development on the same.

Harish Sharma

आरक्षण

2019 के बाद हर प्रदेश में एम्स,iit इंजीनियरिंग कॉलेज और ना जाने कितने ऐसे महाविद्यालय खोलने की योजना है इन सबकी विशेषता होगी कि इनमें सिर्फ आरक्षण कोटे को प्रवेश मिलेगा सारे शिक्षक प्रोफेसर डॉक्टर सब आरक्षित कोटे से होंगे बिना आरक्षण वाले को कोई स्थान नही होगा।
बधाई

क्यों कि ऐसे ही हवाई सेवायें रेलगाड़ी बस आदि की सुविधाएं भी आरक्षित श्रेणियों के लिये शुरू करने की योजना है
इसके अलावा खेल प्रतियोगिता का आयोजन सेना में भर्ती के लिये तो बिना पढ़े भर्ती लेकिन सिर्फ आरक्षित कोटे के लिये हैं यह सुविधा और तो और विशेष थाने भी इनके लिये बनाने की योजना है जहाँ सारे पुलिस वाले आरक्षण कोटे के होंगे साथ इन थानों में शिकायत भी सिर्फ आरक्षण कोटे के लिये होगी ।

अन्य योजनाएं भी है जिनमें थोड़ा समय लग सकता है जैसे अख़बार जिसका नाम ही होगा आरक्षण पढ़ भी सिर्फ वो ही लोग सकते है आरक्षण tv भी शीघ्र होगा जिसमें सारा स्टाफ आरक्षण कोटे का होगा और आरक्षण कोटे के जितने नेता है उन सबको ही बहस में मौका दिया जायेगा ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यह सिर्फ आरक्षण कोटे वाले घरों में आये।

आरक्षण कोटे की फिल्में,धारावाहिक, आदि भी बनाने पर विचार चल रहा है साथ ही ऐसे सिनेमाहॉल बनाने की योजना भी है जहाँ सिर्फ यह फिल्में दिखायी जायेंगी और हर आरक्षण कोटे के लोगो को इनको देखना अनिवार्य होगा।

कुछ और ऐसा होता है या योजना बनेगी तो बताता हूँ।

हरीश शर्मा

Thursday, August 30, 2018

Review by Vidhya

A quick read By Vidhya thakkar
on 30 August 2018

I am Not guilty- Kasab is the story of Shweta a Journalist who is appointed to write a biography of Kasab, a terrorist. It’s a story about her meeting with Kasab. His life story, his journey. This book has 19 chapters and each chapter has something different. It’s an amazing read, however, might have been more interesting. There aren’t many twists. The plot of the story is simple. you can relate to the story effortlessly. The narration of the tale is crisp however not that Gripping. The pace and the flow of the story are good. At some places, it felt like the story was dragging. There could have been more drama and some Thrilling Dialogues. The language used by the author is simple. The writing style of the author is Lucid however not that engaging. With each chapter, Kasab’s life journey was getting unfold, how they planned Attack, how was his life as a terrorist. The climax of the story was good but could have been much better. There had been some typing errors which should be looked after. The characters in the story were strong. Shweta’s character was amazing. She had that strong personality. Overall, it’s a quick light read. But it could have been more interesting. It’s a book with Crisp narration and simple language.

Monday, August 27, 2018

My book

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My book

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Sunday, April 29, 2018

Meeting with great footballer Aandre Iniesta

फुटबॉल खेल से मोहब्बत करने वाला हर शख्स स्पेन के बेहतरीन खिलाड़ी आन्द्रे इनिएस्ता को उनके खेल को जानता होगा।

कल उन्होने अपने दिल बार्सिलोना क्लब को अलविदा कह दिया । यह बहुत emotional समय था ऐसे में वो अपने आंसू नही रोक पाये ।

इस महान खिलाड़ी के साथ मुझे पूरे 6 घंटे रहने का मौका मिला था ।जिस खिलाड़ी को दुनियां हजारों डॉलर देकर 90 मिनट देखने आती है, उनके साथ इतना समय बिताना किसी सपने जैसा ही था ।

मुझे मौका मिला उनसे मिलने का दिल्ली के मेरे मित्र राजबीर सिंह की मार्फत राजबीर सिंह को उनकी वाइन कंपनी के साथ भारत में सामंजस्य बैठाना था । उसी के लिये आन्द्रे के साथ एक कैलेंडर व वीडियो shoot करने मैं और मॉडल कलाकारा Claudia Ciesla बार्सिलोना पहुंचे थे ।

फोटोग्राफर मैंने वही से लिया था । हम लोग एक तीन सितारा होटल में रुके थे । मेरी चिन्ता यही थी कि इतने छोटे होटल में आन्द्रे आयेंगे या नही ।

भारत की तरह मेरा विचार था इतना बड़ा सितारा आ रहा है तो पहले उनकी commando टीम आयेगी pr के साथ फ़ोटो और वीडियो टीम, marketing team भी

निश्चित समय पर लिफ्ट का गेट खुला मेरे ठीक सामने आन्द्रे अपने एक साथी के साथ बाहर निकले । मुझे यकीन नही हुआ इतना बड़ा खिलाड़ी बिना किसी ताम झाम के मेरे सामने खड़ा है मुस्कराते हुऐ।

मेरा और claudia का उनसे परिचय कराया गया । मैंने तो उनका हाथ छोड़ा ही नही मैंने कहा meeting with you like dream come true, he just smile and asked me you loved barc team मैंने कहा इसमें भी कोई शक है क्या।

आन्द्रे बहुत कम बोलते है English के भी गिने चुने शब्द ही उन्हें पता है ।
मैदान में उनके पैर कितना बोलते है बताने की जरूरत नही है । जिस टीम में भी वो खेलते है उसमें 80% गोल उनके द्वारा दिये पास पर ही होते है ।

2010 के फुटबॉल विश्वकप के फाइनल में उनके गोल को कोई भी नही भूल सकता। मैंने जादूगर मेजर ध्यानचंद को खेलते हुऐ नही देखा कहते है उनकी हॉकी में जादू था कुछ वैसा ही जादू आन्द्रे के पैरों में दिखता है।

मैंने उन्हें कभी भी खुद गोल करने के लिऐ उत्सुक नही देखा लेकिन उनका हर पास इतना सटीक होता है कि मैसी को सेकेंड लगते है गोल करने में ।

हाँ तो पहले उनके साथ हमनें अपने कैलेंडर के लिऐ फ़ोटो shoot किया करीब 2 घंटे एक बार भी उनके चेहरे पर शिकन नही देखी वरना सितारे थोड़ी देर में ही परेशान हो जाते है ।

फोटोशूट के बाद हमनें कहा lunch करते है पर आन्द्रे ने कहा काम खत्म करते है पहले।

वीडियो shoot किया फुटबॉल के साथ wine के साथ Claudia के साथ, पूरे शूट में आन्द्रे ने पूरा सहयोग किया एक नखरा नही।

फ्री हुऐ तो मैं पहुँच गया 25/30 T Shirts- cap लेकर autographs लेने, जैसे उन्हें पता था यह तो होना ही है । कितने ही मेरे मित्रो ने उनके आटोग्राफ लाने को कहा था ।

एक बात और जिस दिन हमारा shoot था उससे चार दिन पहले ही मुझे कहा गया कि वीजा लगवाओ ओर जाओ ।मुश्किल से आन्द्रे की date मिली है ।

मैं गया आन्द्रे की कंपनी का letter लेकर स्पेन एम्बेसी। उन्होंने कहा आपको हमारी एजेंसी के मार्फत ही आना होगा।एक दिन खराब हो गया । मुझे लगा अब तीन में वीजा कैसे मिलेगा ।

अगले दिन मैं एजेंसी पहुंचा, दो घंटे इंतज़ार के बाद मेरा नम्बर आया। मैंने अपने सारे documents दिये और कहा भाई जी मुझे तीन में वीजा चाहिये स्मार्ट लड़का था बोला मज़ाक कर रहे हो कम से कम 7 working day लगेंगे।

मैंने उससे इल्तज़ा की बड़ी मुश्किल से date मिली है आंद्रे इनिएस्ता की फ़िल्म shoot करनी हैं उसके साथ ।

वो लड़का अपनी सीट से खड़ा हो गया, मुझे बोला दोबारा बोले क्या बोला, मैंने फिर कहा उसने कहा sir तीसरे दिन आकर अपना वीजा ले जाईये मैं खुद आपका वीजा लगवा कर लाऊँगा ।

बस मेरे लिये आन्द्रे sir का एक ऑटोग्राफ ले आइयेगा आप। मैं उनकी फुटबॉल देख कर ही बड़ा हुआ हूँ, फुटबॉल खेलता रहा हूँ। big fan of him

उसने एक एजेंट को मेरे साथ लगवा कर मेरे सारे documents सही करवाये, नीचे ही एक traveling agency से मेरा एयर टिकट बनवाया तीसरे दिन फोन कर बताया sir आप आ जाये काम हो गया है।

देर रात में स्पेन की flight में था ।

उस दिन आन्द्रे के साथ उनके पिताजी से भी मुलाकात हुई एकदम साधारण इंसान। कही महसूस होने दिया कि वो इतने बड़े स्टार के पिता है। उनको ही देख कर लगा कि पिता के सारे गुण आन्द्रे में है ।

आन्द्रे ने कहा आप दोनों हमारे मेहमान है कोई भी तकलीफ हो pl let me kmow अपने साथी का नम्बर उन्होंने दिया ।

मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया उन्होंने कहा yes मुझे आना है ताज महल देखने । आने का वायदा करने के बाद वो जिस साधारण ढंग से आये थे उसी साधारण ढंग से वापस चले गये।

मैं गेट के बाहर आकर उन्हें विदा करने आया, उनकी गाड़ी पार्किंग से बाहर आयी वो खुद drive कर रहे थे साथ में उनके वो साथी ही थे कोई अन्य गाड़ी उनके साथ नही थी ।

बाद में मुझे बताया गया कि उनके साथी ही उनके मैनेजर है । जो पूरे shoot के दौरान एक शब्द नही बोले।वरना मैनेजर सुपर से ऊपर होता है हमारे यहाँ।

अगले दिन हमारी flight सुबह ही थी। रास्ते में थे जब आन्द्रे के मैनेजर का फोन आया claudia को कि आंद्रे ने आपके लिये host होने के नाते कुछ गिफ्ट भिजवाया था आप होटल में नही है । हम एयरपोर्ट के रास्ते में है गिफ्ट अगली बार।

अपने व्यस्त समय में से आन्द्रे कोशिश करने के बाद भी भारत नही आ पाये।अब सुनने में आया है कि वो चीन की फुटबॉल टीम के साथ जुड़ने वाले है ।

अब हम फिर एक बार कोशिश करते है उन्हें ताज महल दिखाने के लिये बुलाने की।

#Andreiniesta I love you 

you are a great player as well great human being

Saturday, February 17, 2018

Salman Khan is the best-From my book to be released soon 20 years of entertainment PR --



                From my book to be released soon-
                    "20 years of entertainment PR" --


In 2002 I did pr of #Salman Khan film Tumko na Bhul Paayenge film was released on 22nd February and first time I meet him at his home Galaxy app.along wd Producer #Baba films Gordhan Tanwani and My Dear friend Pr Rajendra Rao king of PR, time 2.30 am date today,17th February, we had a very funny meeting to be remembered 

After waiting sometime Salman Khan come out I was new so introduced him,He asked Kaise hai AAP I said thanks, sir he has small bar on ground floor he said kya lenge aap I said no Sir I don't drink,Ok Thik Hai inhe kuch khilao nonveg there I said no sir I m a vegetarian he promptly said I m not doing film wd him every one laugh but he said I m serious I m not,

Pin drop silence then he laughed he said na pite ho na khate ho toh jeete kaise ho jock apart he asked me bataaye kaise karna Hai Delhi promotion I said sir no press conference only one to one intrw in the hotel room till 3 pm then intrws in all the tv studios till 10 pm he said Ok but I need a break after every intrw for 2 minutes and he asked about lunch I said jaruri hoga toh he smiled then Rao said Ai bhai khyal rakhna no question about Aishwarya Rai he promptly said no anyone can be asked anything no restrictions,

On 20th February we are in hotel Le-meridian hotel interviews started at 11 am and after every interview, he asked for break, what he did in break, he took out his shirt smoke one cigarette then interview started, that day first time he talked openly about Aishwarya,

One more very funny incident that day #Delhi time's celebrity photographer Manoj Kesarwani want exclusive photo shoot with him Salman was ready Manoj trying to get the best click in that process lots of Salman s sitting pose were changed finally Salman said Manoj you want my photo ya you know and everyone laughed,

As committed he give whole time and as 10 pm is there he said Harish Aapke Jaane ka time ho gaya, 
After this film, I did almost 7/8 films wd him and as all said me too he is one of the best human beings in the industry,

Salute Salman.

Harish Sharma

Thursday, February 15, 2018

Syed Salahuddin is burden for Pakistan now

From my book #IamnotGuilty-#Kasab #SyedSalahuddin is burden for #Pakistan either he will killed or send bk to #Kashmir to #kill by #Indian #ARMY but will not give inch of land for his graves.

Wednesday, February 14, 2018

From Harish Sharma : Book Promotion in Jaipur-I am not Guilty-Kasab wri...

From Harish Sharma : Book Promotion in Jaipur-I am not Guilty-Kasab wri...:                            Book Promotion in Jaipur- I was in Jaipur a few days back, the purpose of the visit was dual to promote my ...

Book Promotion in Jaipur-I am not Guilty-Kasab written by Harish Sharma

                          Book Promotion in Jaipur-


I was in Jaipur a few days back, the purpose of the visit was dual to promote my book as well to attend the 3rd reunion of ex-students of sports college Lucknow.

But here I am talking about my media interaction to promote my debut book I am not Guilty-Kasab.

My friend Naval k Sharma from Jaipur to help me to invite the media, he had arranged the venue called Jawahar Kala Kendra's cafe and it's really good for quick and go.

Naval Bhai manage good media almost all Hindi one, in Jaipur if Rajasthan Patrika and Dainik Bhaskar cover then rest of the media is bonus, I know to get in Times is tough for marketing policy due to media net but bit surprised for DNA which was also not interested it should be after all I am unknown writer and I don't have any known celebrity to launched the book that day.

Amrita Morya editor of Dessert Trail I know her since long I told her to support me for my first book and she was right there not only to cover even for moral support thank you Amrita ji.

My interaction with media is quite interesting like Anurag Trivedi from Rajasthan Patrika asked me why your this book #Iamnotguilty #Kasab and forthcoming book Spot Fixing no ball 2 crore based on Pakistan I replied because my both the subject based on them.

Rakesh from Samachar Jagat and Anurag Bhardwaj from Satyagrah.com asked me how can Kasab was not guilty, I love Anurag's bouncers and finally, I have to accept that title is a marketing gimmick to sell the book Anurag has a vast knowledge of the different subject which is not very common in today's media.

Finally, Rakesh did not publish and said to Naval bhai I am not satisfied with the title as well answer from the writer but anyways his newspaper published the story from other sources.

I am eagerly waiting for Bhardwaj's Satyagrah write-up Emaran Shaikh of Daily news also published well.

By evening we had gone to Rajasthan Government Library Naval Ji look after there PR to and that day was Vivekanand Jayanti and there was a function after that I meet the library head He guide me how I can approach different Libraries of State's.

Dainik Bhaskar could not turn up so we reached their office and meet the feature editor Prerana and journalist Mamta and they told me to carry the story but they didn't.

Naval Ji was a bit upset that DNA not covering too I told him don't worry a day will come when not only DNA but also Times and all big media will after me to for the coverage so let's wait and watch my day will come soon.
Thank you Naval k Sharma for all your efforts.

Love you all the media yes media or no media.

I AM NOT GUILTY-KASAB BY HARISH SHARMA

Debut Book of Harish Sharma-
I am not Guilty-Kasab- 

Book Description

I wanted to be arrested, not killed by a bullet. We are thankful for all the Indian television channels’ breaking news support during 26/11. No terrorist attack is possible in India without us or our support. Whether it’s the burning of the Godhra train or Samjhauta express blast; I am guilty of not killing 500 Indians.

About Author-Harish Sharma

Harish Sharma was born and brought up in Bareilly, Uttar Pradesh and gave 20 years of his life to cricket. He did his schooling at the Sports College, Lucknow, and post-graduation from Pithoragarh.

He spent seven years, 1986-1992, as a journalist of Hindi newspapers Aaj, Dainik Jagran and news agency PTI and established a successful career in Pithoragarh – a hilly district in Uttrakhand, which was then part of UP.

He decided to shift to Delhi in 1992 and started a fresh struggle as a freelance journalist. He joined Jain TV part-time followed by Hinduja IN Cable channel.

In 1996, he started his PR company and got the first opportunity to do PR for the film Bade Miyan Chote Miyan in Delhi and North India with Amitabh and Govinda in the main lead. The next ten years were his golden years, and he did PR for more than 500 movies, events, and celebrities.

When he was the best PR, peaking in his career, he left everything behind and shifted to Mumbai in 2007. He started struggling again and enjoyed the new challenges.

In Mumbai, he did a lot of PR, but the goal was to direct a film, so he produced a short film – Last Announcement – Aakhiri Munadi and directed a documentary called A Soldier becomes a Monk.

In 2012, his first supernatural feature film, Two Nights in Soul Valley was released. In March 2017, he has shifted to Hyderabad for two years for his daughter's education. He is also studying Astrology at Bharatiya Vidya Bhavan.

His debut book was printed in both English and Hindi. His next book  Spot Fixing - NO BALL 2 CRORE and 2O years of Entertainment PR will release in 2018.

Book is available -


Notionpress-
https://notionpress.com/read/i-am-not-guilty-kasab
flipkart-
https://www.flipkart.com/am-not-guilty-kasab/p/itmfybp8r59taxbn?pid=9781948352734
infibeam-
https://www.infibeam.com/Books/i-am-not-guilty-kasab-harish-sharma/9781948352734.html#variantId=P-M-B-9781948352734
amazon India
https://www.amazon.in/I-Am-Not-Guilty-Kasab/dp/1948352737/ref=sr_1_1?s=books&ie=UTF8&qid=1513167546&sr=1-1&keywords=9781948352734
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Kindle edition--
https://www.amazon.com/dp/B078HVPD23

https://www.kobo.com/in/en/ebook/i-am-not-guilty-kasab

https://play.google.com/store/books/details?id=XeRDDwAAQBAJ

https://itunes.apple.com/us/book/id1327797121

Tuesday, January 23, 2018

My Guru my Cricket coach

                             KL Tejwani, Me, Arun Bhardwaj Sir and Indian Hockey Player Danish,
                                                      

                                                          My Guru my Cricket coach 

My Guru, my cricket coach of Sports College Lucknow, one of the best in India, Arun Bhardwaj sir, happy birthday! You are young by heart and in enthusiasm.

He always had stringent criteria for us, and I used to think to myself, why is he so strict?

My 14-year-old self-thought that he was so strict because of his different English vocabulary which not only then, but goes like a bouncer over my head even now.

But now I realize that he did what was best for us and our lives. It is right that every child can't be a professional Indian player or play nationally, but one thing is sure that we, ex-players from Sports College are good human beings, and all the credit goes to him.

Sir, please accept what I'm trying to say through my English, I know you understand my feelings.

Harish Sharma





Sunday, January 21, 2018

स्पोर्ट्स कॉलेज रीयूनियन सपना नही हक़ीकत


स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ 
मेरे जीवन के बेहतरीन 2 साल 1978/79/80 और 37 साल बाद उन्ही साथियों से अपने कोच/ गुरुजनो से मिलना किसी सपने के साकार होने जैसा था ।13 और 14 जनवरी को हुऐ तीसरे रीयूनियन कैम्बे रिसॉर्ट्स जयपुर में यह सपना सच हुआ ।

हालांकि पिछले दो रीयूनियन में भी मैं जाना चाह रहा था पर जीवन के आपाधापी में इससे अधिक महत्वपूर्ण काम आने से अंतिम समय में जाना टलता रहा लेकिन इस बार जाने के बाद लगा इससे अधिक महत्वपूर्ण भी कुछ हो सकता है क्या । इसके लिये मैं अपनी बेटी ईहा और पत्नी मीनाक्षी का शुक्रिया भी कहना चाहूँगा हर बार यह दोनों मुझे जाने के लिये प्रेरित करते रहे है |  

38/40 साल बाद अपने कॉलेज के हीरो भूपेंद्रसिंह क्रिकेट के ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी थे कि गेंदबाज गेंद करने के बाद विकेट के सामने से हट जाता था क्योंकि उनका शॉट इतना तेज होता था कि लग गया तो दो दाँत बाहर आने में देर नही लगती।उनसे मिलना साथ में फ़ोटो खिंचवाना अपने आप में आज भी गर्व की बात है।

एथलीट प्रदीप शर्मा,फुटबॉलर गणेश काल,बॉलीबॉल के दिग्गज हरीश मोहन बंगारी और धर्मवीर सिंह,क्रिकेट के के एल तेजवानी क्या खिलाड़ी थे यह लोग ओर सबने देश का प्रतिनिधित्व किया और कॉलेज का नाम रोशन किया | कॉलेज के पहले कप्तान बने नूरआलम भाई का आना भी विशेष रहा । बाद के जो खिलाड़ी साथी उनका वो समय नही देख पाये उन्होंने वास्तव में कुछ खोया लेकिन आज वो हमारे साथ है उनका शुक्रिया हर बार आते रहे | 

250/300 पूर्व खिलाड़ियो को एक छत के नीचे लाने की शुरुआत हुई एक व्हाट्सएप ग्रुप के बनने से ओर इसका सबसे अधिक श्रेय जाता है 1977/78 के टाइगर खिलाड़ी लवलेश माथुर को जी हाँ टाइगर अपने समय के शानदार क्रिकेट क्षेत्ररक्षक जिसकी वजह से यह नाम पड़ा था कवर में खड़े होकर मिडऑफ ओर पॉइंट तक अकेले गेंद को लपकने वाले को ओर क्या कहा जा सकता है ।

अब यह उन्ही का प्रयास है कि सब एकजुट है और कारवाँ बढ़ता ही जा रहा है। जयपुर में भी जिस तरह लवलेश भाई ने अकेले सभी इंतज़ामात किये उसके लिये उन्हें साधुवाद।

जब मैं 12 जनवरी की रात 8 बजे करीब जयपुर दिल्ली रोड पर स्थित कैम्बे रिसोर्ट पहुंचा तो रिसेप्शन से पहले पड़ने वाले रेस्टोरेंट में मैंने अपने हीरो भूपेंद्र पाजी को बैठे देखा जैसे अचानक 40 साल पहले पलक झपकते ही पहुंच गया मैदान में और बल्लेबाजी करने जाने तक विपक्षी टीम को लगता था यह बेहद सुस्त खिलाड़ी सबसे आसान निशाना होगा लेकिन बैटिंग क्रीज़ पर खड़े होते ही इस खिलाड़ी में क्या एनर्जी आ जाती थी उस समय आज का 20/20 का खिलाड़ी।

वो गले मिले बातें हुईं हाल चाल जाने आंखों के कोर भीग जाने से बचने के लिये उनको बोला पाजी कमरे में मिलते है । पाजी अपनी 14 वर्ष की बेहद मासूम और प्रतिभाशाली लेखिका बेटीअदित कौर और श्रीमती जी के साथ आये थे बाद में सबसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।उनकी बेटी की पहली किताब का मज़मून तैयार है बस 15 साल की उम्र में असली ज़ामा पहनाना है।

रिसेप्शन से लवलेश भाई का कमरा पूछ कर जब घंटी बजाई तो सामने टाइगर को पाया हिमाचली टोपी लगाये अस्त व्यस्त कमरे के साथ समारोह का सारा सामान वही होने से कमरे और गोदाम में अधिक फर्क नही था उसी कमरे में शाम की चुस्कियों के साथ मुलाकात हुई 1979/80 के तेज गेंदबाज अजय यादव से भूपी पाजी भी चुस्कियाँ लेने वही आ गये अजय ने बताया उनका एक बेटा है स्केटिंग चेम्पियन मार्शल आर्ट्स का दीवाना बातों बातों में पता चला कि उनके पास बुलंदशहर में 350 बीघा जमीन है साथ ही गैस सिलेंडर की एजेन्सी भी बस फिर क्या लवलेश भाई और पाजी के सामने यादव जी से हामी भरवा ली कि जब दो साल बाद मैं मुम्बई जाऊँगा वो मेरी फिल्म के निर्माता होंगे इस तरह मुझे मेरा फ़िल्म निर्माता भी कॉलेज का साथी ही मिला।

थोड़ी देर बाद ही मेरे पसन्दीदा क्रिकेट गुरु कोच दीपक सर अपने तीन बेटे और गुरुआइन के साथ होटल पहुंचे और हमारी मुलाकात उनसे रात के भोजन के वक्त हुई वैसे मैं उनसे लगभग 4/5 साल पहले अपनी लखनऊ यात्रा के दौरान उनके घर पर सुबह के नाश्ते पर मिला था।

चूंकि कल यानि 13 जनवरी को रीयूनियन के पहले ही कार्यक्रम में उन्हें मेरी पहली किताब I am not Guilty-Kasab का विमोचन करना था लिहाज़ा उनसे इसी विषय पर काफी बातचीत हुई । गुरु है ना इसलिये सबसे पहला प्रश्न था तुमने इतनी खतरनाक किताब लिखी है कोई धमकी या चिन्ता की बात तो नही है, मैंने कहा नही सर अभी तक तो ऐसा नही है पर कठिन स्थिति कभी भी हो सकती है लेकिन परवाह नही यह सब सोच कर तो हम कभी कुछ लिख ही नही पायेंगे।

उसी रात सड़क मार्ग से आये लखनऊ गैंग से भी मुलाकात हुई जिसमे कई साथी ऐसे थे जिनसे पहली बार ही मुलाकात हुई जो हमारे कॉलेज छोड़ने के बाद के खिलाड़ी रहे लेकिन इनमें से रुद्र पांडेय भाई जो शानदार रूआब वाले खिलाड़ी थे स्थानीय थे तो उनकी दबंगई के भी हम लोग कायल थे लेकिन वह अब भी तब भी साथियों का खूब ख्याल रखते थे- है।उसी ग्रुप में हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी रहे राकेश टंडन भाई से भी मुलाकात हुई | उसी गैंग में लम्बे चौड़े सुधीर सिंह भी थे जो इस समय इलाहाबाद हेडक्वाटर में डीएसपी है उनको देखकर ही लगता है वो पुलिस में ही होंगे | 

हमारी रीयूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष विनय सिंह, शानदार व्यक्तित्व तो खिलाड़ी भी जानदार सभी साथिओं को एकजुट रखने में और रीयूनियन को बेहतरीन बनाने में उनका महत्वपूर्ण साथ है|  बाद में उनसे विस्तार से बात हुई कि आप अपनी किताब लखनऊ में विमोचित करे तो अग्रिम बतादे तो वो यूनिवर्सल बुक स्टोर पर कार्यक्रम का आयोजन कर सकते है उनका धन्यवाद जो उन्होंने प्रस्ताव दिया लखनऊ में अवश्य करेंगे विमोचन | 

उसी ग्रुप में हेमचंद्र जोशी से भी मुलाकात हुई युवा जोशी बहुत ही कर्मठ कार्यकर्ता है इस बात को सब स्वीकार करते है।जोशी के प्रयासों से हमारी संस्था लखनऊ में फ़ुटबाल एकेडमी शुरू करने जा रही है | इसको लेकर सबमें बेहद उत्साह है 

अगले दिन सुबह मेरी मुलाकात हुई साथी क्रिकेटर मथुरा के अशोक कैथवास से क्या गेंदबाज था अशोक हमारे सीमेंट विकेट पर भी स्विंग करते थे दो दिन वो और विकेटकीपर मित्र प्रदीप ओझा मेरे कमरे के साथी बने हमने दो ढाई दिन खूब मस्ती की 38/40 साल पहले की यादें ताज़ा की अशोक मथुरा रेलवे में अधिकारी है और ओझा बीसीसीआई की अकादेमी को संचालित करते है ।

13 जनवरी की सुबह कई साथियों से मुलाकात हुई लेकिन दोपहर में जब मेरे गुरु क्रिकेट कोच अरुण भारद्वाज,दीपक शर्मा और युवा कोच नवीन पंत ने मेरी किताब का विमोचन किया वो लम्हा मेरे लिए सबसे यादगार था उम्मीद है हॉल में रहे 100 करीब साथियों को भी मेरी सफलता में अपनी सफलता लगी होगी। नवीन सर ने कल ही समाचार भेजा कि किताब पढ़ ली है उन्हें अच्छी लगी दोनों गुरुओं और साथिओं की टिप्पढी का इन्तजार रहेगा | 

विमोचन के बाद भारद्वाज़ सर ने कहा बैटिंग और बौलिंग करते करते कब यह बच्चे दूसरे क्षेत्रो में अपना नाम रोशन करते चले गये पता ही नही चला लेकिन ख़ुशी है कि सभी शिष्य जीवन में सुव्यस्थित है कुछ न कुछ बेहतरीन कर रहे है | 

दीपक सर ने इस मौके पर कहा हरीश की यह किताब मैंने थोड़ी पढ़ी है इस तरह की किताब लिखना आसान नही है लेकिन थोड़ा पढ़ने के बाद अपने आपको पढ़ने से रोकना मुश्किल है हरीश को बधाई और इनकी अगली किताब का भी बेकरारी से इन्तजार रहेगा क्योंकि वो क्रिकेट के इर्द गिर्द की कहानी है |  

मेरे दोनों क्रिकेट गुरुओं से बेहतर कोच भी हो सकते है सोचना कठिन है आज हो तो हो लेकिन बीते कल के लिये तो मैं निश्चित हूँ | 

१३ और १४ जनवरी कब निकल गई पता ही नही चला लवलेश माथुर भाई ने सारे कार्यक्रम ऐसे सुनिश्चित किये थे कि हम व्यस्त भी थे और सबके इर्द गिर्द भी, हाँ कॉलेज के एक साथी हरी लाल आज डीआईजी बीएसएफ श्रीनगर में है वो हम सबको चाय पर चर्चा के लिये जयपुर की बीएसएफ यूनिट में लेकर गये हम सबको उन पर नाज़ है |  

बालीबॉल के हमारे कोच यादव सर स्वास्थ्य बहुत बेहतर न होने के बाद भी अपने खिलाड़िओ से मिलने का मोह छोड़ नही पाये उनका आना हम बहुत से लोगो को भावुक कर गया | सर आपको सलाम आप जल्दी पूर्णतया स्वस्थ्य हो जाये | ऐसे ही एथलेटिक्स के कोच रहे खन्ना सर और इतिहास के विद्वान गुरु जी टी एन पाण्डेय सर ने अपनी उम्र को दरकिनार कर लखनऊ में अत्याधिक सर्दी और रेल के अस्तव्यस्त समय के बावजूद रीयूनियन में आकर हम सबको अपना आर्शीवाद दिया फ़ुटबाल के कोच स्वप्न राय सर ने भी अपना समय निकाला आशीर्वाद देने के लिये धन्यवाद | लिखने में मेरे लिए जितना आसान है उससे कई गुना कठिन है इन सभी वरिष्ठ गुरुओं का आशीर्वाद देने आना | 

जैसा कि पाण्डेय सर ने अपने अभिभाषण में कहा कि हमने जो ज्ञान आप बच्चो को दिया वो हमारा फ़र्ज़ था काम था लेकिन आप लोग जो सम्मान और प्यार हमें दे रहे है वो लाजवाब है और ऐसा बहुत कम गुरुओं को सम्भव हो पाता है | 

रीयूनियन में सबसे अधिक प्रेरित किया युवा पुष्पेन्दर यादव ने उनका जज्बा देखते ही बनता है रीढ़ की समस्या के चलते व्हीलचेयर को अपना साथी बनाने की दिक्कत के बाद भी फिरोजाबाद से  आना और सभी साथिओं में जोश भरना यादव की खूबी है पुष्पेन्दर ने हमें सिखाया कि इच्छा मजबूत हो तो कोई समस्या समस्या ही नही है| हमारी स्पोर्ट्स कॉलेज एक्स स्टूडेंट वेलफेयर सोसाइटी लखनऊ ने उनको बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है | पुष्पेन्दर आपके जज्बे को सलाम ऐसे ही मुस्कराते रहना |    

सबसे बड़ी बात हमारी रीयूनियन की यह रही कि एक छत के नीचे आने के बाद सब बराबर है अपने अपने स्थान पर सब बेहतरीन नौकरी में है व्यवसाय में उच्च सरकारी पद पर है वर्तमान में भारतीय टीम के खिलाड़ी है लेकिन किसी में कोई मैं नहीं सब ठीक वैसे ही जैसे कभी स्पोर्ट्स कॉलेज में साथ साथ रहते थे खेलते थे इसी बात पर याद आया १४ जनवरी को पर्यटन स्थल आमेर घूमने का कार्यक्रम था और वही पर दोपहर के भोजन के पैकेट भी वितरित करने थे और उन पैकेटों को अपने कंधो पर रख कर लाये वर्तमान हॉकी टीम के खिलाड़ी दानिश मुर्तज़ा साथ ही भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी रहे उनके भाई हमज़ा मुर्तज़ा, कमलेश और अभिनव उनके साथ ही दया और शाहिद ने भी सबको पैकेट वितरित किये | यहाँ यह उनकी बढ़ाई नही है बल्कि अपनापन है जो सबको प्रेरणा देता है बच्चों खूब तरक्की करो | 

मेरी दानिश से विस्तार से बात हुई अभी वो अपनी चोट से उभर रहे है और जल्दी ही टीम में वापसी करेंगे उनकी एक बात ने मुझे उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति बेहद पीड़ा दी कि वर्तमान में राष्ट्रीय टीम के सदस्य होने के बाद भी उन्हें यश भारती सम्मान से नही नवाज़ा गया है हमारे बहुत से साथी इस स्थिति में है जो इस मुद्दे को सरकार तक मजबूती से पहुँचा सकते है | सिर्फ दानिश ही क्यों अन्य बहुत से खिलाड़ी और गुरुजन है जिन्हे यह सम्मान मिलना चाहिये हम कोशिश तो कर सकते है वैसे वर्तमान सरकार यश सम्मान जारी रखेगी या नही या किसी और नाम से शुरू करेगी इस पर नज़र रखनी पड़ेगी |  
हमारे समय के सर्वश्रेष्ठ फ़ुटबाल खिलाड़ी भैरो दत्त आज भी सर्वश्रेष्ठ काम कर रहे है बनारस में फ़ुटबाल एकेडमी चलाते है आप कहेंगे इसमें क्या ख़ास है बहुत से खिलाड़ी बाद में एकेडमी ही चलाते है लेकिन भैरो भाई श्रेष्ठ इसलिये है कि वो गरीब बच्चो के लिए फ़ुटबाल नर्सरी चलाते है जिसमे २०० गरीब बच्चे लड़के लड़कियाँ शामिल है | जिनमे से प्रतिभाशाली बच्चे हर साल विभिन्न स्पोर्ट्स कॉलेज व अन्य संस्थानों में भर्ती होकर भैरो भाई की मेहनत को गौरवान्वित करते है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलते है और बेहतर भविष्य की नींव रखते है भैरो भाई आपके निःस्वार्थ तपस्या के लिये साधुवाद आपके साथ आपके ३०० पूर्व साथी हमेशा साथ खड़े है | 

हमारी संस्था बनारस के हरदिल अज़ीज़  रितेश इस बार नही आ पाये थे आपके पिताजी का देहान्त हाल ही में हुआ था हम सब की सहानुभूति आपके साथ है हमे बताया गया कि आपने अभी अभी आपने जीवन बीमा का काम शुरू किया है मुझे पता है कि सामूहिक जीवन बीमा और सामूहिक मेडिकल बीमा भी होता है क्यों ना हम सब उनसे सामूहिक बीमा कराये यह सम्म्भव है थोड़ी कोशिश करनी होगी बस | 

सभी साथिओ को संस्था की तरफ से ट्रेकसूट का अपर दिया गया और वही ड्रेसकोड भी था सबने उस अपर में समारोह में चार चाँद लगा दिये आमेर में तो पर्यटक सोचने को मजबूर हो गये कि यह कौन से खिलाड़ी है सबने इसका खूब आनंद लिया कुछ शैतानों ने तो विदेशी पर्यटकों के साथ फोटो खिचवाने का मौका भी जाने न दिया | 
समारोह में ख़ास रहा, १३ जनवरी को जावेद असलम का जन्मदिन मनाया गया वही १५ जनवरी को दीपक शर्मा सर का जन्मदिन था १४ की देर रात उनके जन्मदिन का जश्न मनाया गया | एक साथी खिलाड़ी प्रशांत फौजदार आ तो नही सके लेकिन उनके पिताजी ने एक परम्परा शुरू की इस बार से कॉलेज के पूर्व साथिओं के जिन बच्चो ने किसी भी क्षेत्र में विशेष योग्यता हासिल की है उसे उनके सौजन्य से पुरस्कृत किया गया और हर बार पुरस्कार उनके सौजन्य से उपलब्ध होंगे | 

२५०/३०० पूर्व सभी साथी अपने अपने क्षेत्र के हीरो है लेकिन सब का जिक्र करना यहाँ सम्भव नही क्यों कि मैंने ऐसा किया तो लेख नही किताब लिखनी पड़ेगी हां यह वायदा रहा देर सबेर मैं किताब भी लिखूंगा साथ ही एक वृत्तचित्र भी निश्चित बनानी है जिसके लिये विशेष प्रयास करने पड़ेंगे १५ मिनट की फिल्म ३०० साथिओ में से सर्वश्रेष्ठ को चुनना उनकी और गुरुओं की उपलब्धिओं को पिरोना कुछ दृश्य तीन रीयूनियन के भी सम्मिलित करना बहुत आसान नही है लेकिन आयेगा आनन्द बनाने में कोशिश करूँगा की अगली रीयूनियन में इस वृत्तचित्र को दिखाने में सफल हो पाऊं | 

बहुत से साथिओं को लेख में स्थान नहीं दे पाया हूँ कोई भी अन्यथा न ले क्योकि मेरे लिखने या ना लिखने से किसी की उपलब्धि कम नही हो जायेगी आप सब विशेष है तभी तो खिलाड़ी बने खिलाड़ी बने तभी बेहतर इन्सान बने | यह ठीक है कि जो इण्डिया खेला या ओलम्पिक खेला वो तो सर्वश्रेष्ठ है ही लेकिन जो नही भी खेला वो कैसे भी कमतर नही है क्योकि सब लाजवाब बने बेहतर इंसान बने उसी का नतीजा है कि ३०/३५/४० साल बाद आज हम सब एक छत के नीचे है और रोज़ सबके सुखदुःख के साथी है | बस यह ज़ज्बा और मोहब्बत कम नही हों चाहिये | 


साथी एवं गुरुजन जो तीसरी रीयूनियन में सम्मिलित हुए हो सकता है किसी का नाम रह गया हो या नाम हो लेकिन ना आ पाया हो उसके लिये माफ़ी


हरीश बंगारी,गणेश काला,प्रदीप शर्मा,के.जी. मिश्रा,सुकेश चौहान,रंजीत सिंह,नूर आलम,रुद्र प्रताप पांडेय,राकेश टंडन,विश्व ज्योति,भैरव दत्त,चंद्रकांत मिश्रा,भुवन कापड़ी,पुष्पेंद्र वर्मा,प्रदीप जीना,महेंद्र यादव,घनश्याम यादव,हरीश शर्मा,अजय यादव,लवलेश माथुर,संजय बहुगुणा,अमित सिंह,विवेक सिंह,हारून अखगर,सरबजीत सिंह,जॉन पाल सिंह,सर्वप्रिये दुबे,जावेद असलम,अख्तर खान,सुधाकर शाह,श्रीकांत,विनोद शर्मा,मृत्युंजय,विनय सिंह,सुधीर सिंह,आकाश गुप्ता,अर्जुन यादव,वीरेंद्र रावत,राजेन्द्र यादव,गुरबक्श सिंह,रविन्द्र गोसाईं,अनुज शाही,गुरजोत सिंह,नाज़िम पटेल,इम्तियाज़,दिनेश शर्मा,मोहम्मद कमर,गुलाम खुवाज़ा,अनिल सिंह,रामप्रताप ,राकेश सिंह,प्रभाकर दुबे,नरेंद्र सिंह,राकेश गुप्ता,दया शंकर,शाहिद कमल,हमजा मुर्तजा,दानिश मुर्तजा,दानिश इक़बाल,शेख जावेद,नौशाद,हेम चंद जोशी,विवेक गुप्ता,कमलेश परिहार,खुर्शीद,हेमंत,कौस्तुभ,अरविंद सिंह,पुष्पेंद्र यादव,भूपेंद्र सिंह,के एल तेजवानी,प्रदीप ओझा,अशोक कैथवास,धर्मवीर सिंह,नीरज सिंह,हरीलाल,प्रशान्त यादव 

दीपक सर,खन्ना सर,पांडेय सर,भारद्वाज सर,स्वपन सर,एम डी यादव सर,नीरज पन्त सर,


लिखने का सिलसिला जारी रहेगा 

हरीश शर्मा   







Thursday, January 11, 2018

10th days of the new year 2018


2018 new year new hope new promises what's new,

Promised with self to wake up between 3-4AM and run at least 5km daily and exercise for 30 to 40 minute and I succeed my average running in last ten days 7km plus training.

What's new to remember the new year I posted on Facebook to call a friend whom I hadn't spoken more than five years and my first call to my Dear friend Ram Prakash Singh we were buddies in Sports College Lucknow I left college on 1980 and then not in touch.
Thanks to Facebook we got the contact numbers I called him 2nd January 2018 

You can ask calling a Dear friend after 37 year, so how he Dear, you are right, but in between, we all were busy to give shape to our future and family and due to no contact not able to in touch.

But my thinking is if someone is Dear is always Dear even if you meet after age's,Ram was a fantastic left-arm spinner and well in study in Sports College it was it is very tough that a player is a good student but he was, and now he is deputy commissioner in rural development UP and me really proud of him, Weldon Ram,

When I am talking about Sports College Lucknow I feel proud that I belong to there can you believe college students from the first batch 1975 to till now more than 300 ex-sports collegians are in touch on daily basis and credit goes to Dear friend Lovelaish Mathur and Puspendar Verma to make a WhatsApp group almost 4/5 year back, 

Now we have 3rd reunion on 13/14th in Jaipur and I am going for the first time and to much enthusiasm that meeting nearly 90% after leaving college in 1980 what will be the moment to meet all of them specially my favorite Cricket Guru Coach Sir Deepak Sharma also I requested him to launch my debut book I am not Guilty-Kasab and He is promptly ready to do that and this is the greatness of great people.

Now what's new in new year is that on facebook messenger I got a message early in the morning from one Aman Arora that Hello Sir how are you-you recognized me I am Aman Arora was in Sahara tv that day could not identify him, but next day same early morning again we are on messenger for good 25 minutes,
I feel good that he is well settled in Austin Texas and married to a girl from there. He told me -Harish Ji I was in Sahara tv and come to interview few of your celebrities after seeing his photo and profile I recognized him well and what I feel the best during the conversation he ordered my book and post-Amazon copy to me. 

I was touched, and after he massage me to praised me and invited me to come to him I tell him I will take this year only actually my 10 year visa will expire in couple of year with outgoing USA which is I am not going to do thank you Aman for your kind words and remembering me still far away.

What's new in new year I got in touch my debut feature film 2 Nights in Soul Valley's one of Hero gentle human being Gaurav Shah now RJ in Canada's one of the leading radio I told him to buy my book there though it does not fare almost $10 book abroad to not right to force.

 But best the same way as Aman did he post an amazon ordered on my messenger and message me anything for you Sir on that message my other Hero Sumit Sharma send a message on facebook then Sujata send a message to praised me a lot.
I love that people remember me adore me regard me and that's what I earn thanks to all.

What's new on new year I finished reading my first book in two days it is rare that I finished any book in a day or two I remember that I ended one book Ajay Pandey 's Resonance in a day and now 2/3rd January.
My controversial client and friend Aushim Khetarphal biography The Chosen One written by Kannu Priya which I finished in two days. 

Aushim whom I know was introduced me by my other friend news syndicate Mukesh Khosla not remembering the year but I think 1998/9 around his lousy time and during that time if I said yes for PR that means a lot, I meet him and even lots of controversy in his name I said yes to him because I feel he is genuine,

From then to now I have seen his best to verse time and most famous in match-fixing kand with Fleming and Chris Lewis, and I did the press conference of that for my surprised to saw lots of media and best part was Aushim don't have the money to do that press conference in any hotel, so we did at his home.

I will write in detail about him in my third book 20 years of PR but here I want to say one thing for sure that is he is never into match-fixing or anything of significant money making you can ask how I can say that so confidently yes I can say that as He never able to pay my pr fee on time even few time I had spent his hotel bills for the events and hotel room payment too.

So how this man can be in to all controversies for that as I know him he fix his hand so many things at a time either he was/is capable or not but he falls down and again stand-up on his on when he is in good position he is a King and If not even never show that He is not King.

I remember one incident 7/8 year back we have to do a pc for him in a Noida hotel and I meet the manager who is a big devotee of Sai Baba and that time Aushim told me He has direct with Sai Baba and I laughed at the corner anyway I told manager that we need a Sponsorship PC of a film for Aushim Khetarphal,

Manager literally stand-up and asked are you talking about Aushim sir who belong to Sai Baba I said yes He told me all would be taken care of the hotel but PC should be in my hotel later though I was not there, but my boys said to me that before the PC manager meet Aushim and he did dandvat pranaam to Aushim, and I was thinking what to do with this man.

What's new in new year is the biggest challenge is to hit my debut book I am not Guilty-Kasab, after some promotion book is doing good but I want more so what I did and doing is requested my friends and relatives that how many books should I send you to sell, 

Surprisingly every one asked for more numbers which I thought so through friends I already sold 500 copies and as of now Hindi title of the same book is coming out in 10 days; I am sure I will cross 5000 marks in a couple of months.

Whats new in new year is my 2nd book Spot Fixing No ball 2 crores should be released in March and April max and 3rd book 20 years of entertainment PR in 2nd half for sure and by the way this is my planning but don't know God what want from me we human beings makes lots of program but everything depending on God wish.

See you soon.

Harish Sharma.